अक्षय तृतीया (आखा तीज), [वैशाख ]
उसका महत्व क्यों है और जानिए इस दिन कि कुछ महत्वपुर्ण जानकारियाँ:
- ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण।
- माँ अन्नपूर्णा का जन्म।
- चिरंजीवी महर्षी परशुराम का जन्म हुआ था इसीलिए आज परशुराम जन्मोत्सव भी हैं।
- कुबेर को खजाना मिला था।
- माँ गंगा का धरती अवतरण हुआ था।
- सूर्य भगवान ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया।
- महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था।
- वेदव्यास जी ने महाकाव्य महाभारत की रचना गणेश जी के साथ शुरू किया था।
- प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ ऋषभदेवजी भगवान के 13 महीने का कठीन उपवास का पारणा इक्षु (गन्ने) के रस से किया था।
- प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण धाम का कपाट खोले जाते है।
- बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में श्री कृष्ण चरण के दर्शन होते है।
- जगन्नाथ भगवान के सभी रथों को बनाना प्रारम्भ किया जाता है।
- आदि शंकराचार्य ने कनकधारा स्तोत्र की रचना की थी।
- अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय (नाश) न हो!!!
- अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है....!!!